मध्य प्रदेश: श्योपुर जिले के विजयपुर विकासखंड व बीरपुर तहसील के ग्राम पंचायत सुठारा के अंर्तगत आने वाले गांव बड्डन से एक ऐसा मामला सामने आया है। जहां सैकड़ों दलित बच्चों का स्कूल छूटने की कगार पर हैं तो वहीं उनके पालक भी सरपंच-सचिव की मनमानी के चलते कई समस्याओं का सामना करने को मजबूर हैं।
स्कूल जाते वक्त कीचड़ में गिर जाते हैं बच्चे
ग्रामीणों का कहना है कि हमारे बच्चे स्कूल जाते वक्त कई बार खराब रास्ते कीचड़ में गिर जाते हैं। जिसके चलते हमारे बच्चों को स्कूल ना जाकर वापस घर लौटना पड़ता है और फिर अगले दिन अन्य किसी बच्चे के साथ ऐसी घटनाएं होती हैं। हमने कई बार सड़क निर्माण के लिए सरपंच-सचिव से आग्रह किया लेकिन उनके कानों में जूं तक नहीं रेंग रही।
आपको बता दें की ग्राम पंचायत सुठारा के गांव बड्डन में सैकड़ो घर हैं। जिसमें अधिकतर दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं। सरपंच सचिव की मनमानी के चलते इन्हें आए दिनों कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाए या किसी गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए अस्पताल ले जाया जाए तो सड़क की ऐसी दुर्दशा होने के कारण ग्रामीणों को गांव से बाहर तक खटिया के माध्यम से ले जाना पड़ता है। तब कहीं जाकर किसी मरीज की जान बच पाती है।
BPL कार्ड व वृद्धा पेंशन के लिऐ हजारों रूपये की घूसखोरी
ग्रामीणों ने बताया कि हमारी पंचायत में बीपीएल कार्ड वृद्धा पेंशन व आवास के लिऐ गरीबों की कोई सुनवाई नहीं हैं। 5000 रूपये से लेकर 20000 रूपये तक ली जाती है रिशवत।
सरकारी खजाने को मिलकर लूट रहे सरपंच- सचिव
ग्रामीणों ने निडर संवाद को बताया कि सरपंच सचिव केवल उन्ही निर्माण कार्यों को प्रमुखता देते हैं जो पूर्ण रूप से फर्जी होते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसा उनकी जेब में जा सके। हकीकत में ग्रामीणों के उपयोग में आए जाने वाले निर्माण कार्य जैसे पक्का खरंजा, नाली निर्माण, लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं पर उनका कोई ध्यान नहीं है क्योंकि ऐसे कार्य करने पर उनके लिए कम पैसा बचता है। इसलिए वह केवल रपटा निर्माण जैसे कार्य करने को महत्व देते हैं।